WTO क्या है ? WTO full form क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में (full details of WTO in hindi)

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WTO क्या है ? WTO full form क्या है?
WTO क्या है ? WTO full form क्या है?

नमस्कार दोस्तों ! आपका स्वागत है हमारे इस आर्टिकल में, जहां हम आपके लिए लेकर आए हैं एक बेहद ही महत्वपूर्ण जानकारी जिसके अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं WTO full form क्या है? (WTO full form in Hindi) के बारे में। आज के हमारे इस आर्टिकल के महत्वपूर्ण पॉइंट्स हैं – WTO क्या है? (WTO kya hai?), WTO का हिंदी अर्थ क्या होता है? (What is the WTO meaning in Hindi?) और WTO का फुल फॉर्म क्या होता है? (WTO ka full form kya hota hai?)। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं WTO के बारे में पूरी जानकारी।

WTO क्या है? (What is WTO in Hindi?)

डब्ल्यूटीओ (WTO) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो पूरे विश्व में व्यापार के लिए कानून और नियम बनाता है। WTO का उद्घाटन 1995 ई. में हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समझौते द्वारा विभिन्न राष्ट्रों के बीच व्यापार को सुलभ तथा सुनियोजित बनाना। यह वैधानिक रूप से वैश्विक प्रणाली के रूप में कार्य करता है जिस कारण इसके समझौते जटिल तथा लंबे माने जाते हैं।

1947 में द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात GATT संगठन की कमियों को देखते हुए उसे समाप्त कर दिया गया और उसकी जगह सारा कार्यभार तथा प्रावधानों को संरक्षित रखने के लिए 1994 ई. में WTO की स्थापना की गई।

यह संगठन समझौते के तहत सभी अंतराष्ट्रीय गतिविधियों की व्यापक दर को पूरा करता हैं। इसके अलावा इसके दस्तावेजों में साधारण तथा मौलिक सिद्धांत की आते हैं जो बहुपक्षीय trading system के आधार कहे जाते हैं।

 WTO का फुल फॉर्म क्या है? (What is the full form of WTO in Hindi?)

WTO का पूरा नाम विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) है। डब्ल्यूटीओ के कई अंग हैं जो सुगमतापूर्वक कार्यों को क्रियान्वित करते है। सचिवालय के कर्मचारियों में Economist, Lawyer, Statistician तथा Communication Specialist भी होते हैं जो सदस्य देशों हेतू अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के rule regulation को सुचारू रूप से क्रियान्वित करता है।

WTO का सचिवालय जेनेवा में है, जहां करीब 551 लोग कार्य करते हैं जो इस संगठन के प्रशासनिक कार्यभार संभालते हैं। सचिवालय के पास कोई वैधानिक शक्ति नहीं होती लेकिन वह ऐसे कानूनी तथा अधिकारिक व्यक्तियों को परामर्श तथा जरूरी सेवाएं प्रदान करता है, जिनके पास इस संगठन में अपना निर्णय करने का अधिकार होता हैं।

डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश (WTO member countries) :

WTO (World Trade Organisation) में बहुत सारे सदस्य देश हैं।GATT के बहुत से सदस्य देशों ने इस संगठन की सदस्यता ग्रहण कर ली। 29 जुलाई, 2016 तक इस संगठन में 164 के करीब सदस्य देश थे, जिनमें कुछ बढ़ोतरी हुई है। WTO में कई प्रमुख सदस्य हैं जिनके हाथों में निर्णय शक्ति भी होती है, ऐसे सदस्य देश निम्नलिखित हैं :-

  • जिम्बाब्वे – 5 March, 1995
  • जाम्बिया – 1January, 1995
  • यमन                  – 26 June, 2014
  • चेक गणराज्य       -1 January, 1995
  • साइप्रस               – 30 July, 1995
  • क्यूबा                  -20 April, 1995
  • ऑस्ट्रेलिया           -1 January, 1995
  • आर्मीनिया            – 5 February, 2003
  • अर्जेंटीना              – 1 January, 1995
  • एंटीगुआ व बारबुड – 1 January, 1995
  • अंगोला                – 23 November, 1996
  • अल्बानिया           – 8 September, 2009
  • अफगानिस्तान      – 29 July, 2016

 डब्ल्यूटीओ संगठन की मूल संरचना (Basic Structure of the WTO Organization) :

डब्ल्यूटीओ में कई परिषद होते हैं जो इसे सुचारू रूप से काम करने में सहायता प्रदान करते हैं :-

मंत्रिस्तरीय परिषद (Ministerial Council) : इस परिषद में आने वाले सभी सदस्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री होते हैं, जो इस संगठन की रणनीति की दिशा तथा उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी समझौते के लिए उत्तरदायी होते हैं। इस तरह यह परिषद WTO का प्रशासनिक परिषद के रूप में कार्य करता है।

सामान्य परिषद (General Council) : यह WTO का मुख्य अंगों के समान ही है, जो अधिकतर मामलों में निर्णय करने का अधिकार रखता है। इसके अंतर्गत आने वाले सभी सदस्य उच्च स्तरीय प्रतिनिधि होते हैं, जो WTO में रोजाना होने वाले कारोबार संबंधी सभी प्रबंधनों की देखभाल करता है।

WTO के व्यापार नीति समीक्षा निकाय (Trade Policy Review Body) जो व्यापार नीति की देखरेख एवं समीक्षा करता है तथा विवाद निपटान निकाय (Dispute Settlement Body) जो व्यापार संबंधी विवाद का न्याय पूर्वक फैसला कर समझौते द्वारा उसका समाधान भी निकालता है। ये दोनों ही अपने समस्त कार्यों एवं अन्य सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी सामान्य काउंसिल से ही करता हैं।

वस्तुओं एवं सेवाओं में व्यापार पर परिषद (The Councils on Trade in Goods and Trade in Services) : यह सामान्य काउंसिल के सदस्य देशों के अंदर काम करती है। इसके अलावा WTO का यह परिषद सभी विशेष तथा आम समझौते जो सेवाओं तथा वस्तुओं के व्यापार पर होता हैं उन सभी के विवरणों की समीक्षा करने के लिए आवश्यक तंत्र प्रदान करता है।

 विश्व व्यापार संगठन से होने वाले लाभ (Benefits of World Trade Organisation) :

विश्व व्यापार संगठन की स्थापना से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सुधार तथा बदलाव हुआ, यह संगठन वास्तविकता में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवादों का निपटारा करने में सफल रहा है। इससे होने वाले लाभ कुछ इस प्रकार हैं :-

  • विभिन्न देशों के विकास में सहायता मिली
  • कमजोर तथा पिछड़े राष्ट्रों को लाभ पहुंचा
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के लागत टैक्सों में कटौती
  • पर्यावरण तथा स्वास्थ्य को प्रोत्साहन मिला
  • व्यापार में शांति तथा स्थिरता आई
  • रोजगार तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहन दिया
  • व्यापारिक तनाव में कमी तथा विवादों का शांतिपूर्ण निपटान हुआ
  • सुगमतापूर्वक सुशासन हुआ
  • जीवन स्तर में सुधार तथा लागत में कटौती हो गई

WTO का मुख्य लक्ष्य (Main Target of WTO) :

WTO की स्थापना विभिन्न लक्ष्य को देखते हुए की गई थी, जो इस प्रकार से हैं :-

  • बातचीत तथा सभी सदस्यों के सहमति के जरिए व्यापार में आने वाले अवरोध को कम करना तथा बिना भेदभाव किए सिद्धांतों को मानते हुए कार्य करवाना।
  • कम लागत में अत्यधिक उत्पादन कर वस्तुओं तथा सेवाओं की कीमतों को घटाना, जिससे कि जीवन यापन के खर्चें कम हो।
  • व्यापार में पारदर्शिता लाना तथा सुशासन को प्रोत्साहित करना एवं निष्पक्ष व्यापार करना।
  • व्यापार में भ्रष्टाचार तथा निरंकुशता को नियम-कानून द्वारा समाप्त करना।
  • शक्तिहीन देशों की आवाज बनना।

 क्यों लिया डब्ल्यूटीओ ने GATT का स्थान (Why WTO replaced GATT) :

बहुत से ऐसे कारण है जिसके चलते WTO ने GATT का स्थान ग्रहण किया :-

  • इस संगठन का मानना था कि GATT एक निर्बल विवाद निपटान तंत्र है।
  • GATT में संस्थागत ढांचे की कमी महसूस किया गया थी।
  • GATT में समर्थकों के रिपोर्ट पर स्वीकृति संबंधी कमियां महसूस देखी गई थी।
  • GATT की विवाद प्रक्रिया कमजोर आंकी गई थी।

General Full Form

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निष्कर्ष (Conclusion)

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी, जिसमें हमने WTO full form क्या है? के बारे में बताया है। इसके अलावा WTO क्या है? (What is WTO in Hindi?) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी है जो इससे संबंधित है। हम आशा करते हैं कि आपने जिस उद्देश्य से WTO का पूरा नाम क्या है? (What is the full form of WTO in Hindi?) के इस पोस्ट को पूरा पढ़ा उसकी जानकारी आपको मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य पोस्ट एवं महत्वपूर्ण फुल फॉर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे हैं हमारे ब्लॉग से ताकि आपको इसकी अपडेट्स मिलती रहे। इसके अलावा आप चाहे तो WTO क्या है? (What is WTO in Hindi?) की जानकारी सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर कर सकते हैं, जिसे ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी जानकारी प्राप्त कर सकें।

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